Saturday 25 April 2015

तुम याद आते हो - By Devesh Mishra

सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
फिर मीठे से लम्हों को बिचार
कुछ मुस्कुराता हूँ
कहता नहीं हूँ बात कोई
बस खोया ही रहता हूँ
सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
दिन में भी देख के उपर
गिनता सितारा हूँ
हूँ बावरा हूँ ना
क्योंकि तुम याद आते हो
तुमसे मिलने के सोंचे ख्वाबों के
बस दिन ही गिनता हूँ
सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
तुम्हारे लब्ज़ों में जा अंतके
उन दो शब्दों की चाहत है
सुने सपनों में आते कदमों
की सुनी–सुनी सी आहट है
रोता रहता हूँ रात रात
तुम याद आते हो
सोता नहीं हूँ रात रात
क्योंकि तुम याद आते हो
                                               ~Devesh Mishra

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