सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
फिर मीठे से लम्हों को बिचार
कुछ मुस्कुराता हूँ
कहता नहीं हूँ बात कोई
बस खोया ही रहता हूँ
सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
तुम याद आते हो
फिर मीठे से लम्हों को बिचार
कुछ मुस्कुराता हूँ
कहता नहीं हूँ बात कोई
बस खोया ही रहता हूँ
सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
दिन में भी देख के उपर
गिनता सितारा हूँ
हूँ बावरा हूँ ना
क्योंकि तुम याद आते हो
तुमसे मिलने के सोंचे ख्वाबों के
बस दिन ही गिनता हूँ
सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
गिनता सितारा हूँ
हूँ बावरा हूँ ना
क्योंकि तुम याद आते हो
तुमसे मिलने के सोंचे ख्वाबों के
बस दिन ही गिनता हूँ
सोता नहीं हूँ रात रात
तुम याद आते हो
तुम्हारे लब्ज़ों में जा अंतके
उन दो शब्दों की चाहत है
सुने सपनों में आते कदमों
की सुनी–सुनी सी आहट है
रोता रहता हूँ रात रात
तुम याद आते हो
सोता नहीं हूँ रात रात
क्योंकि तुम याद आते हो
उन दो शब्दों की चाहत है
सुने सपनों में आते कदमों
की सुनी–सुनी सी आहट है
रोता रहता हूँ रात रात
तुम याद आते हो
सोता नहीं हूँ रात रात
क्योंकि तुम याद आते हो
~Devesh Mishra
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